नोएडा में 25 हजार करोड़ का निवेश, दो लाख रोजागारों का सृजन

प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के तीन साल पूरे हो गए। बीते तीन वर्षों में नोएडा में करीब 25 हजार करोड़ का निवेश और दो लाख से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार का सृजन भी हुआ। इस दौरान कई नई कंपनियों ने नोएडा में निवेश किया।
नोएडा एक औद्योगिक शहर है। यहां औद्योगिक विकास प्राधिकरण भी है। यहां जमीनों को आवंटित कर उससे आने वाले पैसे से खर्च चलाया जाता है। बड़ी-बड़ी कंपनियों ने यहां निवेश किया और कारोबार में सफलता भी पाई। शहर में सभी महत्वपूर्ण कंपनियों की फैक्ट्री और कार्यालय भी हैं, जो कि नोएडा की जमीन पर आवंटित है। बीते तीन वर्षों में प्राधिकरण ने यहां औद्योगिक प्लॉट की कई स्कीमें निकाली और उनको बेचकर नई कंपनियों को यहां फैक्ट्री स्थापित करने में मदद भी की। प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 और 2018-19 के दौरान यहां 52 एकड़ को औद्योगिक क्षेत्र के तौर पर विकसित किया गया। इससे प्राधिकरण को 980 करोड़ रुपये मिले। साथ ही 37000 लोगों के लिए रोजगार का सृजन भी हुआ। इसी तरह से 171 एकड़ बेचकर प्राधिकरण ने 9807 करोड़ रुपये जुटाए। इससे यहां 1,35000 रोजगार का सृजन किया गया। इस योजना के बाद यहां टीसीएस, वन-97 कम्यूनिकेशन, मदरसन, हल्दीराम, केंट, आईकिया और यूफ्लेक्स आदि कंपनियां आकर्षित हुईं। इसके अलावा 15 एकड़ में ट्रांसपोर्ट नगर को विकसित किया गया। इससे प्राधिकरण को 351 करोड़ का राजस्व मिला। वहीं, पांच एकड़ से अधिक के 16 प्लॉट आवंटित कर 380 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया और 7 हजार लोगों के लिए रोजगार का सृजन हुआ। 2019-20 में प्राधिकरण ने दो लाख वर्गमीटर जमीन के आवंटन का लक्ष्य तय किया था। इसके एवज में हाल ही में औद्योगिक स्कीम भी निकाली गई है।
25 हजार करोड़ का किया जाता है निर्यात
प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक ,नोएडा की औद्योगिक इकाईयों की ओर से करीब 25000 करोड़ के उत्पादों को निर्यात किया जाता है। इसके अलावा यहां की औद्योगिक इकाईयों में 50 हजार करोड़ का निवेश है। यहां औद्योगिक क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 2.85 लाख रोजगार उपलब्ध हैं।
हाल में निवेश करने वाली कंपनियां
वन-97 कम्यूनिकेशन, सिस्का एलईडी, डोमिनो, टीसीएस, केंट आरओ, यूफ्लेक्स, एवररेडी, एडवर्ब, सैमसंग, इंफोसिस, एचसीएल, हल्दीराम, धर्मपाल प्रेमचंद ग्रुप, डीएस ग्रुप, मदरसन और ओप्पो आदि बड़ी कंपनियों ने यहां रुचि दिखाई है।